सागरिका
खुली डायरी के बिखरे पन्नों को सहेजने की कोशिश
शनिवार, 14 दिसंबर 2013
ग़ालिब ने दिल की भाषा में दिमाग को अभिव्यक्त किया - ऋषभ देव शर्मा
सुजन्य : एफ.एम.सलीम
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