बुधवार, 24 अप्रैल 2013

खबरदार !

तुम रक्षक हो या भक्षक?
मासूमों की चीख सुनकर भी
तुम्हारे कान नहीं खुलते!

कब तक बहलाओगे
झूठी कहानियों से?

शिकारी को छोड़कर
शिकार को लूट रहे हो!
इन्साफ माँगने वालों को सजा दे रहे हो!!

खबरदार! सारे शिकार एकजुट हो रहे हैं,
तुम्हारे खिलाफ बगावत तय है!

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