सितंबर का महीना आते ही हिंदी से जुड़े सब अध्यापक, प्राध्यापक, प्रोफेसर और हिंदी अधिकारी आदि बहुत ही व्यस्त हो जाते हैं हिंदी दिवस के कार्यक्रमों में. आज मुझे निर्णायक के रूप में ‘ग्लेंडेल अकादमी इंटरनेशनल’ जाने का सुअवसर मिला. वहाँ जाने के बाद मुझे यह पता चला कि ‘ग्लेंडेल अकादमी इंटरनेशनल’ के तत्वावधान में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में द्विदिवसीय हिंदी उत्सव – ‘उमंग 2013’ का आयोजन किया गया. इस आयोजन का उद्घाटन 12 सितंबर को हुआ था. उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मिलिंद प्रकाशन, हैदराबाद की विभा भारती उपस्थित रहीं. ‘ग्लेंडेल अकादमी इंटरनेशनल’ की प्राचार्या क्षमा गोस्वामी के निर्देशन में कार्यक्रम की शुरुआत हुई. हिंदी विभाग की वरिष्ठ अध्यापक मीरा ठाकुर और अन्य साथियों के मार्गदर्शन में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए.
आज (13 सितंबर 2013) कार्यक्रम के दूसरे दिन अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया - हास्य-व्यंग्य नाटक, नुक्कड़ नाटक, भाषण और निबंध लेखन. हास्य-व्यंग्य और नुक्कड़ नाटक के निर्णायकगण थे विक्रम सूर्यवंशी (इंटरनेशनल स्कूल, शेक्पेट) और आयशा बेगम (इनसाइट स्कूल). प्रीति सिंह (आर्मी स्कूल, गोलकोंडा) और मैं भाषण और निबंध प्रतियोगिता के निर्णायक थे. हमारे साथ ‘ग्लेंडेल अकादमी इंटरनेशनल’ की अंग्रेजी अध्यापक प्रीति भी निर्णायक के रूप में उपस्थित रही.
भाषण प्रतियोगिता शुरू होने में समय था तो हम भी हास्य-व्यंग्य प्रतियोगिता देखने के लिए बैठ गए. सिर्फ एक ही नाटक देख पाई क्योंकि उसके बाद भाषण प्रतियोगिता शुरू. मैं उस नाटक के बारे में आप से शेयर करना चाहती हूँ.
आर्मी स्कूल, गोलकोंडा के पांचवी सेसातवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने हास्य-व्यंग्य नाटक ‘आधुनिक रामायण’ का मंचन किया. वनवास का दृश्य. सीता राम से पिज्जा और बर्गर की जिद कर रही थी. राम सीता को समझाने में व्यस्त थे और लक्ष्मण मोबाइल फोन में. सीता की जिद को पूरा करने के लिए राम और लक्ष्मण पिज्जा और बर्गर को दूँढ़ने के लिए जाते हैं तो रावण मोबाइल की भिक्षा मांगते हुए आ जाता है और सीता का अपहरण करके लंका ले जाता है. राम और लक्ष्मण सीता को मोबाइल सिग्नल्स के माध्यम से खोज निकालते हैं. वानर सेना के साथ राम-लक्ष्मण लंका पहुँच जाते हैं. उनके बीच युद्ध होता है. स्टेनगन के साथ युद्ध करते हैं. रावण को मारने के लिए लक्ष्मण गूगल सर्च इंजन में समाधान दूंढ़ता है – रावण को कैसे मारा जा सकता है? रावण को मार कर सीता के साथ अयोध्या वापस जाते हैं और जाते समय राम सीता को बर्गर भेंट के रूप में देते हैं. नाटक का अंत हुआ इस पंच लाइन के साथ – ‘नई टेकनोलॉजी का कमाल! जय मोबाइल!!’
सभी बाल कलाकरों ने बहुत आत्मविश्वास के साथ मंचन किया. वहाँ उपस्थित सभी ने खूब मजा लिया. इस नाटक ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया.
भाषण प्रतियोगिता में आठवीं से लेकर बारहवीं कक्षाओं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया. सभी ने आत्मविश्वास के साथ परफोर्म किया. निर्णय लेना कठिन हो गया था कि किसको प्रथम दें और किसको द्वितीय. खैर प्रतियोगिता है तो एक को ज्यादा और एक को कम अंक देना ही पड़ता है. लेकिन सभी प्रतिभागी विजेता ही हैं.
निबंध प्रतियोगिता में भी वही हुआ. तीनों निर्णायकों के अंकों को मिलाकर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों की घोषणा हुई.
समापन समारोह में विजेताओं को पुरस्कार दिया गया.
आज का दिन बहुत अच्छा बीता.
3 टिप्पणियां:
आप सब लोगों का हिन्दी प़ेम और आयोजनों में सक्रियता प़शंसनीय है ।
आधुनिक रामायण की परिकल्पना नवीन है पर उस में हास्य की पुट
ज़्यादा होने से वह प़हसन बन गया है ।
अच्छा आलेख है नीरजा मैडम बधाई
अच्छा आलेख है बधाई हो अच्छे लेखन के लिए
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