हैदराबाद, 21 दिसंबर 2014.
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा संचालित उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के हैदराबाद परिसर में प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत साहित्यकार डॉ. ऋषभ देव शर्मा को हिंदी भाषा एवं साहित्य की उनकी सेवाओं के लिए तमिलनाडु हिंदी साहित्य आकादमी द्वारा ‘जीवनोपलब्धि सम्मान’ (लाइफटाइम एचीवमेंट एवार्ड) प्रदान करने की घोषणा की गई है. तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी, चेन्नै द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार यह सम्मान उन्हें 10 जनवरी, 2015 को ‘विश्व हिंदी दिवस’ के अवसर पर आयोजित अकादमी के तृतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में दिया जाएगा. इस सम्मलेन में मुख्य अतिथि के रूप में पधार रहीं गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा यह पुरस्कार प्रदान करेंगी.
विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष का जीवनोपलब्धि सम्मान डॉ पि. के. बालसुब्रमण्यम (तमिल-हिंदी साहित्यकार, चेन्नै), डॉ. ऋषभ देव शर्मा (साहित्यकार-समालोचक, हैदराबाद) एवं वी. जी. भूमा (शास्त्रीय तमिल अनुवादक, चेन्नै) को प्रदान किया जाएगा. इन्हें 21000 रुपए की राशि, अभिनंदन पत्र, स्मृति चिह्न आदि से सम्मानित किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि डॉ. ऋषभ देव शर्मा को आक्रोशपूर्ण हिंदी कविता के आंदोलन ‘तेवरी’ के प्रवर्तन का श्रेय प्राप्त है. उन्हें आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी और कमला गोइन्का फाउंडेशन द्वारा भी पुरस्कृत और सम्मानित किया जा चुका है. 57 वर्षीय डॉ. ऋषभ देव शर्मा के अब तक 7 कविता संग्रह और 5 आलोचना ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने 15 पुस्तकों और कई साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया है. सैकड़ों पुस्तकों की समीक्षा और शताधिक ग्रंथों की भूमिका लिखने वाले डॉ. शर्मा के निर्देशन में 125 शोधार्थी विभिन्न शोध उपाधियाँ प्राप्त कर चुके हैं.
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