शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

राजनीति

लोग अक्सर कहते हैं
राजनीति एक खेल है
पर मेरे पापा कहते हैं
यह एक कमर्शियल फिल्म है

बहुमुखी प्रतिभा संपन्न इस फिल्म के हीरो है
रोज एक नया किरदार निभाता है
रोज एक नया नाम बदलता है
और हीरोइन तो हुकूमत की कुर्सी है भैया !
वह तो है अपनी जगह
न हिलती है न डुलती है
बड़ी शान से बैठी है

सांसद सपोर्टिंग आर्टिस्ट हैं
पार्टी के उम्मीदवार हैं प्रोड्यूसर्स और फाइनैन्सर्स
डाइरेक्टर है बिग बॉस
मीडिया है पब्लिसिटी स्टंट

टिकट खिड़की पर फिल्म
हिट हो गई तो "सत्ता पक्ष"
नहीं तो "विपक्ष"

इस फिल्म के बारे में खूब सूना है
लेकिन देखने के लिए सेंसर का कहना है
- "ओन्ली फर इंटेलेक्च्युअल्स"

2 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

हिट है यह फिल्मीकरण्

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढ़िया!!