उच्च शिक्षा और शोध संस्थान
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद
एम.फिल. पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के दिन से ही शोधार्थी लघुशोधप्रबंध के लिए उपयुक्त विषय और शीर्षक की तलाश में भटकना शुरू कर देते हैं. प्रायः देखा गया है कि विषय किस प्रकार चुने और शीर्षक की शब्दावली कैसी हो, इस संबंध में नवागत शोधार्थी काफी भ्रमित रहते हैं. बहुत बार तो उन्हें अपने रुचि क्षेत्र तक के संबंध में संदेह रहता है. साथ ही निर्धारित अवधि के भीतर विषय चयन से लेकर प्रस्तुतीकरण तक की सारी प्रक्रिया विधिवत संपन्न करने का दबाव उन्हें और भी तनावग्रस्त कर देता है.
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सत्र में हमारे संस्थान में संभावित शोध विषयों की सूची प्रकाशित की जाती है. विभागाध्यक्ष प्रो.ऋषभदेव शर्मा के निर्देशानुसार तैयार की गई इस वर्ष के संभावित शोध विषयों की सूची यहाँ उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद केंद्र के शोधार्थियों के लाभार्थ दी जा रही है.
I. स्त्री विमर्श
1. मैत्रेयी पुष्पा कृत ‘पियरी का सपना’ में स्त्री विमर्श (सामयिक प्रकाशन, मूल्य - रु. 300)
2. ‘देहरी भई विदेस’ में स्त्री विमर्श (किताब घर, मूल्य: रु. 400/-)
3. नीलेश रघुवंशी के उपन्यास ‘एक कस्बे के नोट्स’ में स्त्री विमर्श (राजकमल प्रकाशन, 2013, मूल्य: रु. 250/)
4. परवेज अहमद के उपन्यास ‘मिर्जावाडी’ में स्त्री विमर्श/ मुस्लिम समाज /परिवेश /यथार्थ (शिल्पायन प्रकाशन, 10295, लेन नं. 1, वेस्ट गोरखपुर, शाहदरा, दिल्ली, मूल्य: रु. 150)
II. दलित विमर्श
1. ओम प्रकाश वाल्मीकि के कविता संग्रह ‘शब्द झूठ नहीं बोलते’ में दलित चेतना (अनामिका पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रिब्यूटर्स लि., 4697/3, 21- ए अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली, मूल्य: रु. 200)
2. प्रतापराव कदम के कविता संग्रह ‘उसकी आँखों में कुछ’ में उपभोक्ता संस्कृति (राधाकृष्ण प्रकाशन,7/31 अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली, मूल्य: रु. 200)
3. दलित कहानियों में स्त्री जीवन (‘यथास्थिति से टकराते हुए: दलित स्त्री जीवन से जुड़ी कहानियाँ’/(सं.) अनिता भारती और बजरंग बिहारी तिवारी, लोकमित्र प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली - आलोक शर्मा: 09910343376/ पेपरबैक: रु. 100/-)
4. दलित कविताओं में स्त्री जीवन (‘यथास्थिति से टकराते हुए : दलित स्त्री जीवन से जुड़ी कविताएँ’/(सं.) अनिता भारती और बजरंग बिहारी तिवारी, लोकमित्र प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली - आलोक शर्मा : 09910343376/ पेपरबैक: रु. 160/-)
III. भाषा विमर्श
1. विष्णु प्रभाकर का भाषा चिंतन: ‘राष्ट्रीय एकता और हिंदी’ के विशेष संदर्भ में (किताब घर, मूल्य: 250/- समकालीन साहित्य, मई 2013)
2. गीतांजलि श्री के कहानी संग्रह ‘यहाँ हाथी रहते थे’ में शैली-शिल्प (राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली)
3. विमलेश त्रिपाठी के कहानी संग्रह ‘अधूरे अंत की शुरूआत’ का समाजभाषिक अध्ययन (ज्ञानपीठ प्रकाशन)
4. मलिक मोहम्मद जायसी कृत ‘पद्मावत’ में पाक कला की प्रयुक्ति
5. सी सी एम बी द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘जिज्ञासा’ में वैज्ञानिक प्रयुक्ति
6. डॉ. रामदरश मिश्र के काव्य संग्रह ‘आग की हँसी’ का शैलीवैज्ञानिक अध्ययन (इंद्रप्रस्थ प्रकाशन, दिल्ली, मूल्य: रु. 200/-)
7. कीर्ति केसर के कविता संग्रह ‘अस्तित्व नए मोड़ पर’ का पाठ विश्लेषण (यूनिस्टार, सेक्टर 34/ए, (चंडीगढ़ - 160022/मूल्य रु. 150/-)
8. अद्यतन हिंदी फिल्म गीतों का भाषिक वैशिष्ट्य
9. ऐतिहासिक टीवी धारावाहिकों का समाजभाषिक वैशिष्ट्य
IV. अनुवाद विमर्श
1. मुदिगोंडा शिवप्रसाद के तेलुगु उपन्यास ‘रेजिडेंसी’ के हिंदी अनुवाद का समीक्षात्मक अध्ययन
2. महेंद्र भटनागर कृत ‘चाँद, मेरे प्यार’ के अंग्रेजी अनुवाद का समीक्षात्मक अध्ययन
V. काव्य
1. मलय के कविता संग्रह ‘इच्छा की डूब’ में समाज (परिकल्पना प्रकाशन, डी/68, निराला नगर, लखनऊ, मूल्य - रु.90)
2. नीरज के प्रेम गीतों का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन (नीरज के प्रेम गीत, किताब घर, मूल्य - 150/-)
3. हिंदी फिल्म गीतों में राष्ट्रप्रेम
4. डॉ.योगेंद्रनाथ शर्मा ‘अरुण’ कृत प्रबंधकाव्य ‘वैदुयमणि विद्योत्तमा’: परंपरा और आधुनिकता (हिंदी साहित्य निकेतन, 16 साहित्य विहार, बिजनौर, मूल्य - 200/-)
4. डॉ.योगेंद्रनाथ शर्मा ‘अरुण’ कृत प्रबंधकाव्य ‘वैदुयमणि विद्योत्तमा’: परंपरा और आधुनिकता (हिंदी साहित्य निकेतन, 16 साहित्य विहार, बिजनौर, मूल्य - 200/-)
VI. कथा साहित्य
1. रजनी गुप्त के उपन्यास ‘कुल जमा बीस’ में यथार्थ ( सामयिक प्रकाशन, 3320-21, जटवाडा, दरियागंज, नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली. मूल्य: रु. 395)
2. प्रेम भारद्वाज के कहानी संग्रह ‘इंतजार पांचवे सपने का’ में सामाजिक यथार्थ (सामयिक प्रकाशन, 3320-21, जटवाडा, नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली, मूल्य: रु. 200)
3. काशीनाथ सिंह कृत ‘दस प्रतिनिधि कहानियाँ’ में सामाजिक यथार्थ (किताब घर, मूल्य: 300/-)
4. पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ के उपन्यास ‘घंटा’ में इतिहासबोध (किताब घर, मूल्य: 160/-)
5. उदयभानु पांडेय के कहानी संग्रह ‘हर्ता कुँवर का वसीयतनामा’ में पूर्वोत्तर भारत (ज्ञानपीठ प्रकाशन)
6. नासिरा शर्मा के उपन्यास ‘पारिजात’ में परिवेश चित्रण (किताब घर प्रकाशन, नई दिल्ली)
7. असगर वजाहत के कहानी संग्रह ‘डेमोक्रेसिया’ में समकालीनता एवं व्यंग्य (राजकमल, मूल्य - 250/-)
8. मलिक राजकुमार के उपन्यास ‘बाइपास’ में यथार्थ (श्रीनटराज प्रकाशन, मूल्य रु. 350/-)
9. गंगा प्रसाद विमल के उपन्यास ‘मानुषखोर’ में सामाजिक चेतना: विस्थापन की त्रासदी (किताबघर, मूल्य रु. 595/-)
10. कर्मेंदु शिशिर के कहानी संग्रह ‘लौटेगा नहीं जीवन’ में संघर्ष और जिजीविषा (शिल्पायन, दिल्ली/2012/ रु. 325/-)
11. ‘आओ पेपे घर चलें’ (प्रभा खेतान) और ‘अंतर्वंशी’ (उषा प्रियंवदा) में चित्रित अमेरिकी परिवेश : तुलनात्मक अध्ययन
VII. गद्य विधाएँ
1. ‘विस्मय का बखान’ (निबंध संग्रह) में यतींद्र मिश्र की वैचारिकता (वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, मूल्य रु. 395)
2. पुष्पपाल सिंह के निबंध संग्रह ‘वैश्विक गाँव: आम आदमी’ में चित्रित भूमंडलीकरण (भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, मूल्य रु. 180)
3. प्रदीप पंत के उपन्यास ‘ऐसे हमारे हर्दा’ में व्यंग्य (किताब घर, नई दिल्ली, मूल्य: 350/-)
4. कमलेश्वर के साक्षात्कारों में लेखकीय व्यक्तित्व और वैचारिकता (मेरे साक्षात्कार, कमलेश्वर, किताब घर, मूल्य: 300/-)
5. मैत्रेयी पुष्पा के साक्षात्कारों में लेखकीय व्यक्तित्व और वैचारिकता (मेरे साक्षात्कार, मैत्रेयी पुष्पा, किताब घर, मूल्य: 275/-)
6. श्रीलाल शुक्ल के संस्मरणों में चित्रित परिवेश (अगली शताब्दी का शहर/यह घर मेरा नहीं, किताब घर, मूल्य: 75/-, 75/-)
7. उदय प्रकाश के साक्षात्कारों का विश्लेषणात्मक अध्ययन (आधार ग्रंथ: उनकी अपनी बात)
8. अरुण कमल के साक्षात्कार ‘कथोपकथन’ में व्यंजित व्यक्तित्व और वैचारिकता
9. बाबू राजेंद्रप्रसाद की वैचारिकता: ‘साहित्य, शिक्षा और संस्कृति’ के विशेष संदर्भ में (प्रभात प्रकाशन, दिल्ली)
10. कैलाश बुधवार के पत्रों में समकालीनबोध (आधार ग्रंथ: ‘लंदन से पत्र‘/मेधा बुक्स)
11. महेश दर्पण कृत ‘चरित्र और चेहरे’ में समकालीन बोध (सामयिक बुक्स, दरियागंज, नई दिल्ली - 2/2013 / मूल्य: 595/-)
VIII. अन्य
1. नामवर सिंह की ‘प्रारंभिक रचनाएँ’: विश्लेषणात्मक अध्ययन (राजकमल, मूल्य: 450/-)
2. आंध्रप्रदेश की साहित्यिक हिंदी पत्रकारिता में ‘पुष्पक’ का योगदान
3. ‘द्वीप लहरी’ के बालसाहित्य चिंतन अंक का समीक्षात्मक अध्ययन
5 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा मैडम जी, इससे एम.फिल करने वाले विद्यार्थियों को अवश्य लाभ मिलेगा |
उनका नाम कैलाश बुधवार है, कैलाश बुधकर नहीं। मूल सूची में सुधार लें।
पीएच.डी के लिए संभावित विषय क्या हो सकते हैं, इनकी भी लिस्ट दीजीएगा।
पीएच.डी के लिए संभावित विषय क्या हो सकते हैं, इनकी भी लिस्ट दीजीएगा।
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