आग ....
आग .....
आग .....
आग की लपटों में पिघल रही है
एक भव्य मूर्ति लाल होकर
चीख रही है बचाव के लिए
संघर्ष कर रही है
अपने जीवन के लिए.
बचाओ..........
बचाओ.............
की पुकार है
पर बचाए कौन?
लपटों में जाए कौन?
एक बूढ़ा आदमी
और एक जिद्दी औरत
मूर्ति तक पहुँचते पहुँचते
खुद जल गए झुलस गए.
मूर्ति तो न बच सकी
अस्पताल में मौत से लड़ रहे हैं
बूढ़ा आदमी और जिद्दी औरत.
आग की लपटों में पिघल रही है
एक भव्य मूर्ति लाल होकर
चीख रही है बचाव के लिए
संघर्ष कर रही है
अपने जीवन के लिए.
बचाओ..........
बचाओ.............
की पुकार है
पर बचाए कौन?
लपटों में जाए कौन?
एक बूढ़ा आदमी
और एक जिद्दी औरत
जुनून से भरकर कूद पड़े आग में.
मूर्ति तक पहुँचते पहुँचते
खुद जल गए झुलस गए.
मूर्ति तो न बच सकी
अस्पताल में मौत से लड़ रहे हैं
बूढ़ा आदमी और जिद्दी औरत.
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