मैंने
दर्द को दबाने की कोशिश की
वह गिद्ध बन
मेरा शिकार करता रहा.
दर्द को दबाने की कोशिश की
वह गिद्ध बन
मेरा शिकार करता रहा.
मैंने
उससे छुटकारा पाने के लिए
स्लीपिंग पिल्स लिए
ट्रांक्विलाइज़र लिए
और न जाने क्या क्या लिए
पर वह इम्यून हो गया.
मेरे हितैषी
डाक्टर के पास ले गए
उसने
मुझे आपरेशन थियेटर पहुंचाया.
डाक्टरों की जमात ने
मेरे हृदय को चीरफाड़ डाला
मेरे हर अंग का इलाज किया
पर दर्द से मुक्ति नहीं मिली.
वह मेरा अंतरंग बन गया.
मेरे हृदय को चीरफाड़ डाला
मेरे हर अंग का इलाज किया
पर दर्द से मुक्ति नहीं मिली.
वह मेरा अंतरंग बन गया.
आज
मैं सोचती हूँ –
यदि सीने में यह दर्द नहीं होता
तो मेरा क्या होता!
1 टिप्पणी:
सराहनीय प्रस्तुति.
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
http://mmsaxena69.blogspot.in/
एक टिप्पणी भेजें