सागरिका
खुली डायरी के बिखरे पन्नों को सहेजने की कोशिश
गुरुवार, 22 जुलाई 2010
पुस्तक लोकार्पण और चर्चा
साहित्य मंथन , हैदराबाद के पुस्तक-चर्चा विषयक कार्यक्रम में संयोजक डॉ. बी. बालाजी ने मुझे भी एक पुस्तक पर आलेख पढ़ने का मौका दिया. उनका आभार मानते हुए उस शाम के कुछ फोटो.........
1 टिप्पणी:
arpanadipti
ने कहा…
sundar prstuti
29 जुलाई 2010 को 11:41 am बजे
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sundar prstuti
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