तेलुगु मूल : कालोजी नारायण राव
अनुवाद : गुर्रमकोंडा नीरजा
मेरी है एक इच्छा
कि मेरी आवाज तुझे लिखे हुए खत के समान हो
पढ़नेवालों को कविता लगे
भावुक को मस्तिष्क के समान लगे
मेधावियों को हृदय-सा लगे
तार्किकों को करुणा उत्पन्न करने वाला लगे
भोले भालों को खतरे की पहचान सा लगे
दाँत दिखानेवाले ओछे लोगों को गंभीर लगे
गंभीरता ओढ़ने वालों को मुस्कान पैदा करनेवाला लगे
लुप्त हो रही दोस्ती को संजीवनी लगे
जलती आँखों को ठंडक पहुँचाने वाला लगे
भटके हुए सांड को गले में बंधा गलगोड्डा-सा लगे
हवा में फैलने वाली सुरभि-सा लगे
दूध देने के लिए तैयार स्तनों की तरह लगे
माँ की आँखों की तरह लगे
किसान को रखवाले की तरह दिखे
निस्पृह हृदय को दिलासे की तरह लगे
जीवन के लिए सहारा लगे
काल को पाश की तरह लगे
रेगिस्तान में नखलिस्तान की तरह लगे
बर्फ को अंगीठी सा लगे
राष्ट्र को नीति सा लगे
शत्रु को भीति सा लगे
सरहद को रक्षा सा लगे
शिबि के शरीर सा लगे
बलि के त्याग सा लगे
सैनिकों के प्राण सा लगे
अमरों के हार सा लगे
वेदना के वेद सा लगे
गंगा को जीवन सा लगे
जीवन को किनारा सा लगे
पाताल को ऊपर खींचने वाला लगे
स्वर्ग को भूमि पर उतारने वाला लगे
धरती को धरती की तरह बनाए रखने वाला लगे
मनुष्य को मनुष्य बनाने वाला लगे
मेरी है एक इच्छा
18.1.67
* मेरी आवाज (पद्मविभूषण डॉ. कालोजी नारायण राव की चयनित कविताएँ)/ 2013/ आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी, हैदराबाद/ पृ. 123
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