तेलुगु मूल : कालोजी नारायण राव
अनुवाद : गुर्रमकोंडा नीरजा
रोगों को देख डर रही हैं दवाइयाँ
अपमानजनक है गुंडों के हाथों पुलिस की पिटाई
टिकट चेकर कर रहे हैं सलाम बेटिकटों को
इनविजिलेटर दे रहे हैं प्रश्नपत्रों के समाधान
लिखे हुए उत्तर पर कितने अंक लुटाएँ - पूछ रहे हैं परीक्षक
कंडक्टर को देख डर रहे हैं पैसेंजर
गुंडों को देख डर रही है सरकार,
जनता खरीद रही है दैनंदिन सुरक्षा
स्थानीय बाहुबलियों से
1966
* मेरी आवाज (पद्मविभूषण डॉ. कालोजी नारायण राव की चयनित कविताएँ)/ 2013/ आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी, हैदराबाद/ पृ. 126
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