साहित्य सृजन की समकालीनता (ईश्वर करुण अभिनंदन ग्रंथ) संपादन : डॉ. ऋषभदेव शर्मा, डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा 2022 नई दिल्ली : तक्षशिला प्रकाशन ISBN : 978-81-7965-343-2 |
बीसवीं-इक्कीसवीं शताब्दी के संधिकाल में सृजनरत और इस ग्रंथ 'साहित्य सृजन की समकालीनता' के चरितनायक ईश्वर करुण समकालीनता की कसौटी पर खरे उतरने वाले रचनाकार हैं। इस ग्रंथ में उनके मित्रों, हितैषियों, पाठकों, समीक्षकों और प्रशंसकों ने अपने-अपने ढंग से उनके व्यक्तित्व, कृतित्व, सेवा और प्रदेय का खुलासा और मूल्यांकन किया है। हमें विश्वास है कि यह ग्रंथ ईश्वर करुण के बहुआयामी साहित्यिक योगदान से हिंदी के व्यापक जगत को अवगत करा सकेगा और हिंदी साहित्य के इतिहास में उनके नाम को सही स्थान पर दर्ज कराने में सफल होगा।
इस ग्रंथ की प्रारंभिक योजना से लेकर वर्तमान रूप में प्रस्तुतीकरण तक अनेक मित्रों का भरपूर सारस्वत सहयोग और आशीष प्राप्त हुआ। इस हेतु सभी सम्मिलित रचनाकारों के प्रति हम हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। स्वयं चरितनायक ने हमारे आग्रह पर कृपापूर्वक बहुत सारी सामग्री उपलब्ध कराई, जिसके लिए धन्यवाद काफी छोटा शब्द है। ग्रंथ की सीमा के कारण काफी सामग्री को हम चाहकर भी शामिल नहीं कर सके। इसका मलाल तो है, पर यह उम्मीद भी है कि वह भी किसी अन्य ग्रंथ के रूप में भविष्य में पाठकों के सामने अवश्य आ सकेगी।
इस महत्वाकांक्षापूर्ण, अत्यंत उपादेय और पूर्णतः प्रासंगिक ग्रंथ को सुरुचिपूर्ण ढंग से, अत्यंत कम समय के भीतर, प्रकाशित करने के लिए तक्षशिला प्रकाशन, विशेष रूप से प्रिय बंधु कमल विष्ट बधाई और धन्यवाद के पात्र हैं। प्रेम बना रहे !
-संपादकद्वय
1 टिप्पणी:
मेरे साहित्य सृजन की प्रेरणा के केन्द्र में सदेह-विदेह रहकर और फिर मेरे साहित्यिक अवदान को प्रबुद्ध वर्ग से लेकर हिन्दी के आम पाठकों तक समीक्षा -समालोचना सहित सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से पहुँचाने के सारस्वत प्रयास का मैं सदैव ऋणी रहूँगा!
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