शनिवार, 30 मई 2009

तीन शब्द

तीन शब्द ....
हाँ ! तीन ही शब्द
नफरत !
शक !!
डर !!!
बोए और काटे जा रहे हैं हर वक्त
माँ की छाती का दूध बनकर !

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