रविवार, 31 मई 2009

यादें

प्रेत सी छाया बन
यादें पीछा करती बार -बार।
भूलभुलैया - सा लगता है
मेरा यह जीवन संसार॥

3 टिप्‍पणियां:

MANVINDER BHIMBER ने कहा…

भूलभुलैया - सा लगता है
मेरा यह जीवन संसार॥
आप की रचना ने मुझे बहुत प्रभावित किया है .....बहुत अच्चा लिखा है

Divine India ने कहा…

प्रभावशाली अभिव्यक्ति!!!

अनिल कान्त ने कहा…

waah !!