तेलुगु साहित्य : एक अंतर्यात्रा/ गुर्रमकोंडा नीरजा
ISBN : 978-93-84068-35-6
2016/ मूल्य : रु. 80/ पृष्ठ 231/ परिलेख प्रकाशन, नजीबाबाद
प्राप्ति स्थल : श्रीसाहिती प्रकाशन, 303 मेधा टॉवर्स
राधाकृष्ण नगर, अत्तापुर रिंग रोड, हैदराबाद - 500048
मोबाइल : 09849986346
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अनुक्रम
खंड 1
- तेलुगु भाषा का संक्षिप्त परिचय
- तेलुगु साहित्य की रूपरेखा
खंड 2
- सवर्ण और दलित सबकी धरती एक :
अन्नमाचार्य
- ‘आंध्र-भोज’ कृष्णदेव राय
- कर्नाटक संगीत के ‘गायकब्रह्मा’ :
त्यागराज
- जनकवि वेमना
- हिंदी तथा तेलुगु के प्रमुख संतों की
रचनाओं में अंतःसंबंध
खंड 3
- वीरेशलिंगम पंतुलु : आंध्र के
भारतेंदु
- गुरजाडा वेंकटअप्पाराव और कालजयी
नाटक ‘क्न्याशुल्कम’
- विशिष्ट तेलुगु साहित्यविधा ‘अवधान’
के प्रवर्तक
- देशोद्धारक काशीनाथुनी नागेश्वरराव
पंतुलु
- ‘भंगियों का गाँव’ के प्रणेता उन्नव
लक्ष्मीनारायण
- कविसम्राट विश्वनाथ सत्यनारायण और
उनका उपन्यास ‘वेयिपडगलु’
- कोडवटिगंटि कुटुंबराव और उनका
उपन्यास ‘चदुवु’
खंड 4
- आधुनिक तेलुगु
साहित्य में रामकथा
- तेलुगु साहित्य में गांधी की
व्याप्ति
- प्रगतिशील कवि श्रीश्री और उनकी
कविता
- व्यापक सरोकार वाले कथाकार
त्रिपुरनेनी गोपीचंद
- जब तक बहती है जीव नदी, जीवित हैं
कालोजी
- लाल शॉल ओढ़कर मेरे घर आई एक रिवॉल्वर
: आरुद्रा
- धरती पुत्र : शेषेंद्र शर्मा
- विश्वमानव के चितेरे : सि. नारायण रेड्डी
- रावूरि भरद्वाज और उनका उपन्यास
‘पाकुडु राल्लु’
- दिगंबर कवि ज्वालामुखी
- क्रांतिकारी कवि वरवर राव
- ‘नानीलु’ के प्रवर्तक एन. गोपि
- अक्षर ही मेरी धड़कन है : एन. गोपि
- विवाह! तुमने यह क्या किया : चिल्लर
भवानी देवी
- समकाल में कविता
- तेलुगु संस्कृति का दर्पण बनती
कहानियाँ
- आज की नारी : कामेश्वरी
- मरो शाकुंतलम् : तुम मुझे स्पर्श
करोगे सूर्यकिरण बनकर
खंड 6
- राम कथा का स्त्री
विमर्शात्मक पुनर्पाठ : ओलगा कृत ‘विमुक्ता’
- लोक और मनुष्यता के
लिए : नायनि कृष्ण कुमारी
- स्त्री विमर्श : इनसानों को जोड़कर सी
लेना चाहती हूँ
- दलित विमर्श : आँचल में पिसी मिर्च
और हाथ में लालटेन
- अल्पसंख्यक विमर्श : मुस्लिमवादी
कविता
खंड 7
तेलुगु के प्रमुख रचनाकार : परिचय कोश
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Badhai
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